क्या इन्साफ में देर का मतलब- अंधेर नहीं?
फरवरी १९ ९ ६ में ७-८ साल की गूंगी-बहरी लड़की के साथ बलात्कार हुआ।
नवम्बर १ ९ ९ ९ में निचली अदालत ने दस साल कैद और जुर्माना की सजा दी।
१ ९ ९ ९ में हाईकोर्ट में अपील दाखिल हुई।
अप्रैल २० १ ३ में हाईकोर्ट ने १ ३ साल बाद अपील रद्द करते हुए,
अपराधी को एक हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया है।
जाहिर है अपराधी जमानत पर छुटा हुआ है।
बलात्कारी अभी सुप्रीम कोर्ट में भी अपील दायर कर सकता है।
फैसला होने में १८ साल तो लग ही चुके हैं।
यहाँ पर सवाल बहुत से आ खड़े हुए हैं।
अपराधी ने एक हफ्ते में सरेंडर नहीं किया तो?
इन्साफ में इस देरी को क्या कहा जाए?
अदालतों को 'हाई फ़ास्ट ट्रैक' पर कैसे डाला जाये?
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.